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शिक्षक दिवस भाग-२

शिक्षक दिवस की महत्ता :
(1) 
शिक्षक दिवस विद्यालय के विद्यार्थियों को शिक्षक के प्रति एक सम्मानित भाव पैदा कराता है क्योंकि शिक्षक विद्यार्थी के चरित्र का निर्माण करते हुए उन्हें एक आदर्श नागरिक के आकार में डालने की महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
(2) शिक्षक छात्रों को स्वयं के बच्चों की तरह बड़े ही सावधानी,प्यार और गंभीरता से शिक्षित करते हैं जिससे छात्रों में अपनत्व की भावना जागृत होती है।
(3) बच्चे समाज का भविष्य होते है। और शिक्षक उन्हें निखारने में मदद करते हैंबिना शिक्षक के कोई भी छात्र अकाउंटेंट ,डॉक्टरपायलट ,इंजीनियरवकीलया किसी भी क्षेत्र में नहीं जा सकता हैशिक्षक छात्र का भविष्य निर्माणकर्ता होता है।
(4) सभी बच्चों के माता-पिता बच्चों की जरूरतों को पूरा करने में सहायता करते हैं। परंतु शिक्षक उनके अंदर आत्मविश्वास बढ़ाने में और उनका भविष्य निखारने का कार्य करता हैबिना गुरु ज्ञान नहीं है यह कहावत ही नहीं एक सच्चाई भी है।
शिक्षक दिवस कहां-कहां मनाया जाता है ?
सभी देशों में शिक्षक दिवस का दिन अलग-अलग है। दुनिया के ऐसे 21 देश है जो शिक्षक दिवस बड़ी धूमधाम से मनाते हैं जिनमें कुछ के नाम इस प्रकार है जैसे बांग्लादेशऑस्ट्रेलियाचाइनाजर्मनीग्रीसमलेशियापाकिस्तानश्रीलंका , UK , यु.एस .एईरानइन देशो के अपने-अपने दिन शिक्षक दिवस मनाने के लिए निर्धार्रित किये गये है। परंतु अक्टूबर को ‘वर्ल्ड टीचर्स टीचर्स डे’ के रूप में मनाया जाता हैइसके अलावा 28 फरवरी को दुनिया के 11 देश टीचर्स डे मनाते हैं।
इस प्रकार हम कह सकते हैकि शिक्षक चाहे किसी भी देश जाति या धर्म का हो,जब वो किसी को शिक्षा देते है तो वो किसी भी छात्र के साथ कोई भेदभाव नहीं करतेअर्थात गुरु किसी भी रुप में हो गुरुगुरु ही होता है चाहे वह किसी भी देश का हो।
उपसंहार :इस प्रकार शिक्षक दिवस हमारे देश के अलावा पूरी दुनिया में बहुत महत्व रखता है। और यह परंपरा हजारों सालगुरु शिष्य के रूप में चली आ रही है और ए यूँही फलती-फूलती और आगे बढ़ती रहे। और हर छात्र अपने शिक्षक को इस प्रकार मान सम्मान देता रहे,
गुरुब्रह्ममा गुरुविष्णुः
गुरु देवो महेश्वरः
गुरु साक्षात परम ब्रम्ह
तस्मै श्री गुरवे नमः
हर छात्र के लिए गुरु उसके लिए ब्रह्माविष्णुऔर महेश की तरह रहे और ऐसे गुरु को वो सर्वदा नमन करते रहें। संक्षेप मे कहें तो शिक्षक ईश्वर का दिया हुआ वह उपहार जो हमेशा से ही बिना किसी स्वार्थ और भेदभाव रहित व्यवहार से बच्चों को सही गलत और अच्छे बुरे का ज्ञान कराता है समाज में शिक्षक की भूमिका अति महत्वपूर्ण होती है।
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