व्याकरण-अर्थ के आधार पर क्रिया विशेषण के भेद
अर्थ
के आधार पर क्रियाविशेषण के चार भेद होते हैं:
1.
कालवाचक क्रियाविशेषण
2.
रीतिवाचक क्रियाविशेषण
3.
स्थानवाचक क्रियाविशेषण
4.
परिमाणवाचक क्रियाविशेषण
1. कालवाचक क्रियाविशेषण:
वो
क्रियाविशेषण शब्द जो क्रिया के होने के समय के बारे में बताते हैं, कालवाचक क्रियाविशेषण कहलाते हैं। जैसे:
·
श्यामू कल मेरे घर आया था।
·
परसों बरसात होगी।
·
मैंने सुबह खाना खाया था।
·
मैं शाम को खेलता हूँ।
·
मैं सुबह जल्दी उठता हूँ।
·
मैं दोपहर में स्कूल से लौटता हूँ।
ऊपर
दिए गए उदाहरणों में आप देख सकते हैं कि क्रिया शब्द जैसे आना, खाना,
होना, उठना,
लौटना
आदि के होने क समय के बारे में कल,
सुबह, शाम,
दोपहर
आदि शब्द बता रहे हैं। अतः यह शब्द कालवाचक क्रियाविशेषण के अंतर्गत आयेंगे।
2. रीतिवाचक क्रियाविशेषण
ऐसे
क्रियाविशेषण शब्द जो किसी क्रिया के होने की विधि या तरीके का बोध कराते हैं, वह शब्द रीतिवाचक क्रिया विशेषण कहलाते
हैं। जैसे:
·
सुरेश ध्यान
से चलता है।
·
वह फटाफट खाता है।
·
अमित गलत
चाल चलता है।
·
उमेश हमेशा
सच बोलता है।
·
पियूष अच्छी
तरह काम करता है।
·
नरेन्द्र ध्यान पूर्वक पढ़ाई करता है।
·
शेर धीरे-धीरे आगे बढ़ता है।
ऊपर
दिए गए उदाहरणों में जैसा कि आप देख सकते हैं कि ध्यान से, फटाफट,
गलत, हमेशा,
सच, अच्छी तरह, ध्यान पूर्वक, धीरे-धीरे आदि शब्द खाना, चलना,
बोलना
आदि क्रियाओं कि विशेषता बता रहे हैं। अतः यह शब्द रीतिवाचक क्रियाविशेषण के
अंतर्गत आयेंगे।
3. स्थानवाचक क्रियाविशेषण :
ऐसे
अविकारी शब्द जो हमें क्रियाओं के होने के स्थान का बोध कराते हैं, वे शब्द स्थानवाचक क्रियाविशेषण कहलाते
हैं। जैसे:
·
तुम अन्दर जाकर बैठो।
·
मैं बाहर खेलता हूँ।
·
हम छत पर सोते हैं।
·
मैं पेड़
पर बैठा हूँ।
·
शशि मुझसे बहुत दूर बैठी है।
·
मुरारी मैदान
में खेल रहा है।
·
तुम अपने दाहिने ओर गिर जाओ।
जैसा
कि आप ऊपर दिए गए उदाहरणों में देख सकते हैं
कि
अन्दर, बाहर, छत पर,
पेड़
पर, दूर, मैदान में, दाहिने आदि शब्द हमें बैठना, खेलना,
सोना, गिरना आदि क्रियाओं के होने के स्थान
का बोध करा रहे हैं। अतः यह शब्द स्थानवाचक क्रियाविशेषण के अंतर्गत आयेंगे।
4. परिमाणवाचक क्रियाविशेषण
ऐसे
क्रियाविशेषण शब्द जिनसे हमें क्रिया के परिमाण,
संख्या
या मात्र का पता चलता है, वे शब्द परिमाणवाचक
क्रियाविशेषण कहलाते हैं। जैसे:
·
तुम थोड़ा अधिक खाओ।
·
अमृत बहुत ज्यादा दौड़ता है।
·
मोहन अधिक खाना खाता है।
·
आयुष उसके दोस्त से ज्यादा पढता है।
·
अभी तक तुमने पर्याप्त नींद नहीं ली।
जैसा
कि आप ऊपर दिए गए उदाहरणों में देख सकते हैं कि अधिक, ज्यादा,
पर्याप्त
आदि शब्द खाना, दौड़ना, सोना,
पढ़ना
आदि क्रियाओं का परिमाप या मात्र का बोध कराते हैं। अतः यह शब्द परिमाणवाचक
क्रियाविशेषण के अंतर्गत आएंगे।
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