Mini Carousel

Copy to clipboard

व्याकरण-सर्वनाम के भेद


प्रयोग की दृष्टि से सर्वनाम के 6 प्रकार के भेद होते हैं :
1. पुरुषवाचक सर्वनाम
जो सर्वनाम वक्ता (बोलनेवाले), श्रोता (सुननेवाले) तथा किसी अन्य के लिए प्रयुक्त होता है, उसे पुरूषवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- मैं, तू, वह आदि। इन वाक्यो को देखिये -
·         उसने मुझे बोला था कि तुम पढ़ रही हो।
उपर्युक्त वाक्य को ध्यान से देखने पर पता चलता है कि , इस वाक्य में तीन तरह के पुरुषवाचक शब्द आए हैं। उसने मुझे  और तुम- अतः स्पष्ट होता है कि पुरूषवाचक सर्वनाम के तीन भेद होते हैं।
पुरुषवाचक सर्वनाम के भेद
पुरुषवाचक सर्वनाम तीन प्रकार के होते हैं - 1. उत्तम पुरुष , 2. मध्यम पुरुष 3. अन्य पुरुष।
1. उत्तम पुरुष
वक्ता जिन शब्दों का प्रयोग अपने स्वयं के लिए करता है , उन्हें उत्तम पुरुष कहते हैं। जैसे – मैं , हम , मुझे , मैंने , हमें , मेरा , मुझको , आदि।
इन वाक्यो को देखिये -
2. मध्यम पुरुष
श्रोता ‘ संवाद ‘ करते समय जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग करता है उन्हें मध्यम पुरुष कहते हैं – जैसे – तू , तुम , तुमको , तुझे , आप , आपको , आपके आदि।
3. अन्य पुरुष 
जिस सर्वनाम शब्दों के प्रयोग से वक्ता और श्रोता का संबंध ना होकर किसी अन्य का संबोधन प्रतीत हो। वह शब्द अन्य पुरुष कहलाता है जैसे – वह , यह , उन , उनको , उनसे , इन्हें , उन्हें , उसके , इसने आदि।
2. निश्चयवाचक (संकेतवाचक) सर्वनाम
जो सर्वनाम निकट या दूर की किसी वस्तु की ओर संकेत करे, उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- यह लड़की है। वह पुस्तक है। ये हिरन हैं। वे बाहर गए हैं। इन वाक्यो को देखिये 
·         यह मेरी पुस्तक है।
·         वह माधव की गाय है।
·         वह राम के भाई हैं।
'यह' , 'वह' , 'वह' सर्वनाम शब्द किसी विशेष व्यक्ति आदि को निश्चित संकेत करते हैं। अतः यह संकेतवाचक भी कहलाते हैं।
निश्चयवाचक और पुरुषवाचक सर्वनाम में अंतर व समानता –
राम मेरा मित्र है वह दिल्ली में रहता है — पुरुषवाचक (अन्य पुरुषवाचक )
यह मेरी गाड़ी है वह राम की गाड़ी है। — निश्चयवाचक
3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
जिस सर्वनाम से किसी निश्चित व्यक्ति या पदार्थ का बोध नहीं होता, उसे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- बाहर कोई है। मुझे कुछ नहीं मिला। इन वाक्यो को देखिये - 
·         कोई आ रहा है।
·         दरवाजे पर कोई खडा है।
·         स्वाद में कुछ कमी है।
'कोई' , 'कुछ' सर्वनाम शब्दों में किसी घटना या किसी के होने की प्रतीति हो रही है। किंतु वास्तविकता निश्चित नहीं हो रही है। अतः यह अनिश्चयवाचक है।
4. संबंधवाचक सर्वनाम
जो सर्वनाम किसी दूसरी संज्ञा या सर्वनाम से संबंध दिखाने के लिए प्रयुक्त हो, उसे संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- जो करेगा सो भरेगा। इस वाक्य में जो शब्द संबंधवाचक सर्वनाम है और सो शब्द नित्य संबंधी सर्वनाम है। अधिकतर सो लिए वह सर्वनाम का प्रयोग होता है। इन वाक्यो को देखिये - 
·         जो कर्म करेगा फल उसीको मिलेगा।
·         जिसकी लाठी उसकी भैंस।
·         जैसा कर्म वैसा फल
'जो' , 'उसे' , 'जिसकी' , 'उसकी' , 'जैसा' , 'वैसा' इन सार्वनामिक शब्दों में परस्पर संबंध की प्रतीति हो रही है। ऐसे शब्द संबंधवाचक कहलाते हैं।
5. प्रश्नवाचक सर्वनाम
जिस सर्वनाम से किसी प्रश्न का बोध होता है उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- तुम कौन हो ? तुम्हें क्या चाहिए ? इन वाक्यों में कौन और क्या शब्द प्रश्रवाचक सर्वनाम हैं। कौन शब्द का प्रयोग प्राणियों के लिए और क्या का प्रयोग जड़ पदार्थों के लिए होता है।इन वाक्यो को देखिये - 
·         तुम क्या कर रहे हो ?
·         क्या राम पास हो गया ?
·         मास्टर जी का क्या नाम है ?
·         वहां कौन खड़ा है ?
·         यह काम कैसे हुआ ?
'क्या' , 'कौन', कैसे  आदि सर्वनाम शब्द प्रश्नवाचक कहलाते हैं।
6. निजवाचक सर्वनाम
जो सर्वनाम तीनों पुरूषों (उत्तम, मध्यम और अन्य) में निजत्व का बोध कराता है, उसे निजवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- मैं खुद लिख लूँगा। तुम अपने आप चले जाना। वह स्वयं गाडी चला सकती है। उपर्युक्त वाक्यों में खुद, अपने आप और स्वयं शब्द निजवाचक सर्वनाम हैं।इन वाक्यो को देखिये - 
·         मैं अपना कार्य स्वयं करता हूं।
·         मेरी माता भोजन अपने आप बनाती है।
·         मैं अपनी गाड़ी से जाऊंगा।
·         मैं अपने पिताजी के साथ जाऊंगा।
‘ अपना ‘ , ‘ अपनी ‘ , ‘ आप  ‘ जिस सार्वनामिक शब्दों से अपने या अपने तो का बोध हो उसे निजवाचक कहते हैं।

Comment

कोई टिप्पणी नहीं :