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व्याकरण-वाक्य के प्रकार


  पूर्ण विचार व्यक्त करनेवाला शब्द-समूह 'वाक्यकहलाता है। जैसे-बच्चे
मैदान में खेल रहे हैं।
अर्थ के अनुसार वाक्य आठ प्रकार के होते हैं :
(1) विधानार्थक : जिस वाक्य से किसी बात का होना सूचित होउसे 'विधानार्थकवाक्य कहते हैं। जैसे-मोहन ने दस बजे भोजन किया।

(2)निषेधार्थक : जिस वाक्य से किसी विषय का अभाव सूचित होउसे
'निषेधार्थकवाक्य कहते हैं। जैसे-मैं आज नहीं लिखूँगा

(3) आज्ञार्थक : जिस वाक्य से आज्ञाविनती या उपदेश सूचित होता होउसे
'आज्ञार्थकवाक्य कहते हैं। जैसे-यहाँ आओ। वहाँ मत जाना। माता-पिता का कहना मानो।

(4) प्रश्नार्थक : जिस वाक्य से प्रश्न का बोध होता होउसे 'प्रश्नार्थक'
वाक्य कहते हैं। जैसे-महेश आज क्यों नहीं आयायह लड़की कौन है?

(5) विस्मयार्थक : जिस वाक्य से आश्चर्यविस्मय आदि भावों का बोध होता हो,
उसे 'विस्मयार्थकवाक्य कहते हैं। जैसे-अहा ! कितना प्यारा बालक हैं !

6) इच्छार्थक : जिस वाक्य से इच्छा या आशिष का बोध होता होउसे
'इच्छार्थकवाक्य कहते हैं। जैसे-ईश्वर तुम्हारा भला करे। तुम्हारा विकास हो।

(7) संदेहार्थक : जो वाक्य संदेह या संभावना सूचित करता होउसे 'संदेहार्थक'
वाश्य कहते हैं। जैसे-संभवतः आज पानी बरसे। रमेश आता होगा।

(8) संकेतार्थक : जिस वाक्य से संकेत अथवा शर्त का बोध होता होउसे
'संकेतार्थकवाक्य कहते हैं। जैसे-पानी  बरसता तो फसल सूख जाती।

• रचना के आधार पर वाक्य निम्नलिखित तीन प्रकार के होते हैं :
(1) सरल वाक्य : जिस वाक्य में एक उद्देश्य और एक विधेय होता हैउसे सरल वाक्य कहते हैं। जैसे-दीपा प्रतिदिन अध्ययन करती है।

(2) संयुक्त वाक्य : किसी समुच्चयबोधक अव्यय से जुड़े हुए दो सरल वाक्यों को युक्त रूप से 'संयुक्त वाक्यकहते हैं। संयुक्त वाक्य में दोनों सरल वाक्यों की प्रधानता होती है। जैसे-आलोक प्रतिदिन सुबह उठता है और एक घंटे पढ़ता है।

(3) मिश्र वाक्य : मिश्र वाक्य में भी दो सरल वाक्य किसी समुच्चयबोधक अव्यय से जुड़े होते हैंकिंतु दोनों सरल वाक्यों में से एक की प्रधानता होती है और दूसरा अपने अर्थ के लिए पहले पर निर्भर होता है। जैसे प्रशांत को परीक्षा में अच्छे अंक मिलेंगे,क्योंकि वह बहुत परिश्रम कर रहा है। इसमें 'वह बहुत परिश्रम कर रहा है।यह वाक्य अपने अर्थ के लिए प्रधान वाक्य 'प्रशांत को परीक्षा में अच्छे अंक मिलेंगेपर निर्भर है। यह वाक्य प्रधान वाक्य की क्रिया 'अच्छे अंक मिलेंगेके लिए क्रियाविशेषण अव्यय का कार्य करता है।
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